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अगर आप वजन कम करने के लिए भूखे रहते हैं, तो यह संभवतः ठीक नहीं हो सकता। बहुत से लोग ऐसे में शामिल हो जाते हैं कि उन्हें डिनर के समय तक भूखे रहना पड़े, और इससे उनका ब्रेकफास्ट भी छूट जाता है। उनका मानना यह है कि जितनी देर तक उपवास करेंगे, उतनी देर तक उनकी चर्बी कम होगी। लेकिन यह सोच गलत है। इसके बजाय, ध्यान रखना चाहिए कि शरीर कितने समय तक फैट को खाने लगता है यदि आप कितने समय तक नहीं खाते हैं। यह कहा जाता है कि अगर आप 5:30 बजे से शाम को तक और सुबह 10 बजे तक नहीं खाते हैं, तो शरीर फैट को खाने लगता है।

दरअसल, भारतीय संस्‍कृति में सद‍ियों से व्रत-उपवास की परंपरा है। एक द‍िन के लि‍ए न‍ियम-संयम ये भोजन करना या फिर पूरी तरह उपवास (Fasting) करना, ये सद‍ियों से हमारे ऋषि मुनी करते आ रहे हैं। इसके साथ ही साल भर कई ऐसे त्‍योहार भी होते हैं, जब व्रत रखा जाता है। कई लोग व्रत रखने को स‍िर्फ एक धार्मिक कर्म मानते हैं। जबकि वैज्ञान‍िकों ने भी ये मान ल‍िया है, कि उपवास रखकर शरीर में कई अनोखे बदलाव देखने को म‍िलते हैं।

शरीर कितने समय तक भुख में रहने के पश्चात फैट को अपवाह करने लगता है?

वास्तव में, फास्टिंग की शुरुआत होने से पहले कई घंटे तक, शरीर भोजन से मिलने वाले कार्बोहाइड्रेट को ग्लूकोज में परिवर्तित करके ऊर्जा उत्पादन करता है। ये ग्लूकोज आणि अन्य फूड से मिली ऊर्जा को शरीर धारण करता है। लगभग 8-12 घंटे तक, शरीर इन थ्रीस्क्वेड ग्लूकोज का उपयोग करता है। ऐसा होने के ठीक बाद, जब लगभग 12-16 घंटे तक फास्ट किया जाता है, तो शरीर ग्लूकोज के ढाँचों को खत्म कर देता है। इसके बाद, शरीर फैट को जलाकर ऊर्जा उत्पादन करने की प्रक्रिया शुरू कर देता है। इस स्टेज को 'मेटाबोलिक स्विच' कहा जाता है, जहां शरीर ग्लूकोज की जगह फैट को प्राथमिक ऊष्णकांतक के रूप में उपयोग करने लगता है। फास्टिंग 16-24 घंटे तक जाने के बाद, शरीर फैट को तेजी से जलाने लगता है। इस चरण में, लिवर फैट को 'कीटोन्स' में परिवर्तित करता है और इन्हें ऊर्जा के रूप में उपयोग करता है। इस प्रक्रिया को कीटोसिस कहा जाता है।

इस समय शरीर में होता है तेजी से वेट लॉस

रिपोर्ट्स के मुताबिक, शाम को 5.30 बजे से खाने और इसके बाद सुबह 10 बजे नाश्ता करने से शरीर में तेजी से वेटलॉस होता है। फास्टिंग के दौरान शरीर प्रभावी रूप से इंसुलिन का उत्पादन कम कर देता है। ऐसे में जब खाना शरीर में जाता है तो इंसुलिन प्रभावी रूप से अपनी क्षमता में सुधार करता है। उपवास से ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है। मोटापे में भी कमी आती है। इसके अलावा पेट के आसपास की चर्बी को जलने में भी सहायता मिलती है।

डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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